मेरे पुराने मित्र जे.सी. पेनी 95 वर्ष के ओजपूर्ण इंसान थे और हम दोनों न्यू यॉर्क के होटल वॉल्डोर्फ़ स्टोरिया में वक्ताओं की टेबल पर एक साथ बैठे थे। हम समस्याओं पर बातचीत करने लगे। मुद्दा यह था कि इंसान को उनके बारे में क्या करना चाहिए। मैंने कहा, "जे.सी., अपने लंबे जीवनकाल में आपके सामने बहुत सी मुश्किलें आई हैं। समस्याओं के बारे में आपका दर्शन क्या है?"
उनका जवाब इस महान और नेकदिल शख्सियत के क़ाबिल था। उन्होंने जवाब दिया, "देखो नॉर्मन, दरअसल मेरी ज़िंदगी में जितनी भी समस्याएँ आई हैं, में उन सभी के लिए कृतज्ञ हूँ। जब मैंने उनमें से प्रत्येक पर विजय पाई, तो हर जीत के साथ में ज़्यादा शक्तिशाली बना और आने वाली समस्याओं से मुक़ाबला करने में ज़्यादा सक्षम बना। मैंने जो भी प्रगति की है, अपनी मुश्किलों की बदौलत की है।"
अगर आप भी अपनी समस्याओं से उबरना चाहते हैं, तो आपको सबसे पहले तो जे.सी. पेनी की तरह उनके प्रति एक सकारात्मक मानसिक नज़रिया रखना होगा।