मैं सबसे पहले और सबसे अधिक अपने मित्र जॉन बोलिन को धन्यवाद देना चाहता हूँ, जिन्होंने यह पुस्तक लिखने और शोध करने में मेरा साथ दिया। इस दौरान उन्होंने यहाँ बताए जाने वाले संवाद सिद्धांतों का हमेशा पालन किया। मैं अपने मित्रों बिल हॉकिन्स और पॉल सीका को भी उनकी मूल्यवान प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद देना चाहता हूँ। एक पुरानी कहावत है : मौलिक विचार जैसी कोई चीज नहीं होती। बेहतरीन संवाद के जो सिद्धांत में इस पुस्तक में बताने जा रहा हूँ, उन्हें मैंने निश्चित रूप से उन महान लोगों से सीखा है, जिन्हें ईश्वर ने मेरे जीवन में भेजा। मैं उन सभी को धन्यवाद देता हूँ।
मैं सबसे पहले और सबसे अधिक अपने मित्र जॉन बोलिन को धन्यवाद देना चाहता हूँ, जिन्होंने यह पुस्तक लिखने और शोध करने में मेरा साथ दिया। इस दौरान उन्होंने यहाँ बताए जाने वाले संवाद सिद्धांतों का हमेशा पालन किया। मैं अपने मित्रों बिल हॉकिन्स और पॉल सीका को भी उनकी मूल्यवान प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद देना चाहता हूँ। एक पुरानी कहावत है : मौलिक विचार जैसी कोई चीज नहीं होती। बेहतरीन संवाद के जो सिद्धांत में इस पुस्तक में बताने जा रहा हूँ, उन्हें मैंने निश्चित रूप से उन महान लोगों से सीखा है, जिन्हें ईश्वर ने मेरे जीवन में भेजा। मैं उन सभी को धन्यवाद देता हूँ।