तीन दशक से भी अधिक समय से ज़िग ज़िग्लर पूरे विश्व में यात्राएँ करके अपने शकितशाली आत्म-सुधार संदेश दे रहे हैं। उनमें श्रोताओं को प्रोत्साहित करने, उनका मनोबल बढ़ाने और उन्हें प्रेरित करने की इतनी उल्लेखनीय योग्यता है, कि उन्हें इस युग के महानतम प्रेरक व्यक्तियों में शुमार किया जाता हैं।
उनकी क्रांतिकारी पुस्तक "शिखर पर मिलेंगे" एक कालजयी ग्रंथ हैं। इसमें उन्होंने व्यक्तिगत विकास और सफलता का अपना आजमाया हुआ फ़ॉर्मूला क़दम-दर-क़दम स्पष्ट किया हैं। इस जीवनदर्शन से पाठकों की कई पीढ़ियों को लाभ पहुँचा है, जिन्होंने इसके सिद्धांतों से मार्गदर्शन लिया। कंपनियों, स्कूलों, सरकारी संस्थाओं, बिक्री संगठनों और सुधारात्मक संस्थाओं में जहाँ भी प्रेरिणा और आत्म-सुधार प्रमुख लक्ष्य होते हैं- शिखर पर मिलेंगे के सिद्धांतों का आज भी इस्तेमाल किया जाता है और यह युवाओं के मशहूर "आई कैन" पाठ्क्रम की बुनियाद भी हैं।
ईसाइ धर्म के प्रति दृढ़ता से समर्पित ज़िग्लर की बुनियादी अवधारणा प्रबल और स्पष्ट है: जीवन में आपको हर मनचाही चीज़ मिल सकती है, बशर्ते आप दूसरों की मनचाही चीज़ पाने में उनकी पर्याप्त मदद करें।
वे ईमानदारी, वफ़ादारी, आस्था, सच्चाई और उच्च व्यक्तिगत चरित्र के महत्व पर ज़ोर देते हैं। वे स्वस्थ आत्म-छवि के महत्व पर ज़ोर देते हैं और इसके निर्माण का तरीक़ा बताते हैं। वे यह भी बताते हैं कि व्यक्तिगत लक्ष्य सफलता की किसी भी योजना का अनिवार्य हिस्सा क्यों हैं। वे पाठकों को लक्ष्य बनाने और उन्हें हासिल करने की तकनीक सिखाते हैं।